ADHD: अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर क्या है?
एडीएचडी (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) या अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर एक न्यूरोडेवलपमेंटल विकार है जिसमें मानसिक संगठन, संवेदनशीलता, और संरचनात्मक कार्यों को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है। यह सामान्यतया बच्चों और युवाओं में पाया जाता है, हालांकि, कई बार इसका प्रभाव वयस्कों में भी देखा जाता है।
एडीएचडी के लक्षणों में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, अवस्थान स्थिरता की कमी, इम्पल्सिविटी, उद्यमशीलता, और अतिरंजितता शामिल हो सकती हैं। ये लक्षण आमतौर पर बच्चों की सामाजिक, शैक्षिक, और परिवारिक जीवन में समस्याओं का कारण बनते हैं।
एडीएचडी का विज्ञानिक कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह विभिन्न कारकों का संयोग हो सकता है। इसमें उत्पन्न होने वाले कारक आंतरव्यापारिक, प्राकृतिक और आध्यात्मिक हो सकते हैं। जीनेटिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
एडीएचडी के निदान के लिए, एक विशेषज्ञ या चिकित्सक द्वारा मानसिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन करवाना आवश्यक हो सकता है। यह विशेषज्ञ लक्षणों की जांच करेंगे और अन्य संभावित कारणों को बाहर करने के लिए शारीरिक और मानसिक परीक्षण कर सकते हैं।
एडीएचडी का इलाज व्यावसायिक और शैक्षणिक स्तरों पर आधारित होता है। इसमें चिकित्सा, परिवार सहयोग, प्रशासनिक सहायता, और शैक्षिक उपयोगिता शामिल हो सकती हैं। चिकित्सा दवाओं के साथ-साथ, प्रशासनिक एवं संवेदनशीलता की समस्याओं को हल करने के लिए व्यावसायिक सलाहकारों, शिक्षकों, और परिवार के सहयोग का भी महत्व होता है।
एडीएचडी के लिए ज्ञान, जागरूकता और समर्पण महत्वपूर्ण हैं। बच्चों, युवाओं, और परिवारों को इस विकार की समझ, समर्थन, और संप्रेषण प्रदान करना आवश्यक है। इससे एडीएचडी वाले व्यक्ति को स्वयं को स्वीकार करने, स्वयं-प्रशंसा करने, और अपनी सामरिक और आध्यात्मिक गुणवत्ता का परिचय करने में मदद मिलती है।
अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर एक सामान्य और प्रबल विकार है जिसे उच्च स्तरों पर चिकित्सा, परिवार, और समाजी समर्थन के माध्यम से संघटित किया जा सकता है। यह व्यक्ति को उनकी शक्तियों और संभावनाओं को समझने और स्वीकार करने में मदद करता है, जिससे उन्हें संघर्ष करने की जरूरत नहीं पड़ती है।